Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2023 · 1 min read

फितरत

फितरत-ए-इंसान
कुछ ऐसी है कि
बदलती नहीं ;
बदल जाते हैं हालात
पर , हसरतें दिल की
मिटती नहीं ;
मन पंछी बन
दर-दर भटकता ,
हसीन स्वप्नों का
संसार रचता ;
ख्याल-ए-जहान में
बीत जाती है उमरिया –
पर , आदत पुरानी
छूटती नहीं ;
भवसागर में –
हिचकोले खाती जीवन नैया –
हौले-हौले
डूब जाती है ;
पर , प्यास इतनी गहरी है –
कि बुझती नहीं ।

7 Likes · 203 Views
Books from Mohini Tiwari
View all

You may also like these posts

मजदूर की व्यथा
मजदूर की व्यथा
Rambali Mishra
*आर्य समाज को 'अल्लाहरक्खा रहमतुल्लाह सोने वाला' का सर्वोपरि
*आर्य समाज को 'अल्लाहरक्खा रहमतुल्लाह सोने वाला' का सर्वोपरि
Ravi Prakash
जा चला जा दिसंबर....
जा चला जा दिसंबर....
Jyoti Roshni
ज़िंदगी का भी
ज़िंदगी का भी
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी का चमत्कार,जिंदगी भर किया इंतजार,
जिंदगी का चमत्कार,जिंदगी भर किया इंतजार,
पूर्वार्थ
हो तुम किस ख्यालों में डूबे।
हो तुम किस ख्यालों में डूबे।
Rj Anand Prajapati
*मजदूर*
*मजदूर*
Dushyant Kumar
मुक्त दास
मुक्त दास
Otteri Selvakumar
अफ़वाह है ये शहर भर में कि हमने तुम्हें भुला रक्खा है,
अफ़वाह है ये शहर भर में कि हमने तुम्हें भुला रक्खा है,
Shikha Mishra
मैं, मेरी मौत!!
मैं, मेरी मौत!!
अनिल कुमार निश्छल
दीवाली जी शाम
दीवाली जी शाम
RAMESH SHARMA
आकांक्षा : उड़ान आसमान की....!
आकांक्षा : उड़ान आसमान की....!
VEDANTA PATEL
नई दृष्टि निर्माण किये हमने।
नई दृष्टि निर्माण किये हमने।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
“बदलता भारत “
“बदलता भारत “
DrLakshman Jha Parimal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
।।दुख और करुणा।।
।।दुख और करुणा।।
Priyank Upadhyay
Snap chat वाली दोस्त
Snap chat वाली दोस्त
Sonu sugandh
ग़ज़ल _ मंज़िलों की हर ख़बर हो ये ज़रूरी तो नहीं ।
ग़ज़ल _ मंज़िलों की हर ख़बर हो ये ज़रूरी तो नहीं ।
Neelofar Khan
3538.💐 *पूर्णिका* 💐
3538.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
गणपति स्तुति
गणपति स्तुति
Dr Archana Gupta
वज़ह सिर्फ तूम
वज़ह सिर्फ तूम
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
मन में रखिए हौसला,
मन में रखिए हौसला,
Kaushal Kishor Bhatt
जीवन
जीवन
Bodhisatva kastooriya
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
उम्मीद का दिया
उम्मीद का दिया
राकेश पाठक कठारा
विचारिए क्या चाहते है आप?
विचारिए क्या चाहते है आप?
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
— बेटे की ख़ुशी ही क्यूं —??
— बेटे की ख़ुशी ही क्यूं —??
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
निर्णय
निर्णय
indu parashar
गमों को हटा चल खुशियां मनाते हैं
गमों को हटा चल खुशियां मनाते हैं
Keshav kishor Kumar
🙅उल्टी-पट्टी🙅
🙅उल्टी-पट्टी🙅
*प्रणय*
Loading...