फितरत
कीमत में आँकोगे
तो बिक न पाएंगे,
मुसीबत भी ला दोगे,
तो झुक न पाएंगे,
ग़ौर करोगे मेरी फितरत पे
तब समझ में आएंगे।
भले मिट्टी की है काया
मगर चट्टानी है फितरत
मुझ में जो अक्स है बेइम्तहाई की
शामिल खानदानी है फितरत।
मँज़ील की जिसको है तलब
काँटे और ठोकड़ें क्या डराएंगे
किसी के काम आना फितरत में है शुमार
मुसीबत में रह कर भी
किसी के काम आ जाएंगे ।