फितरत
फितरत की गहराई में छुपी,
वो खुदाई की रचना है।
प्रकृति की अनंत सुंदरता,
जो दिलों को भर जाती है।
पहाड़ों की ऊँचाई पर,
बादलों की छांव में।
फूलों की मिठास से भरी,
वो खुशबू की बहार है।
जंगलों की घनता में छिपी,
वो जीवन की उमंग है।
पशु-पक्षियों की आवाज़ से,
वो संगीत की धुन है।
नदियों की धारा में बहती,
वो जीवन की लहर है।
मिट्टी की गर्मी से भरी,
वो उमंग की आग है।
फितरत की रंगीन दुनिया,
जो आँखों को भर जाती है।
इसे समझने की कोशिश करो,
यह खुदा की वर्णना है।