फितरत अमिट जन एक गहना🌷🌷
फितरत अमिट जन एक गहना
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फितरत मतलब प्रकृति स्वभाव
प्रवृति मनोवृति आदत मिजाज
जिस पर टिकी सृष्टि की संसार
जीव जीवन की मनोवृति अपार
अवतरित विकास गोद में खेल
तीव्र गति कालचक्र जीवों को
परिस्थिति हालात से बदल देता
चाहे जो हो नहीं बदलने वाला
जीव जगत का इक फितरत जो
प्रसून गूलाब खिलता कांटो में
कितना सुन्दर मन भावन जो
सूल फाड़ चीर देता प्रसून तन
बिखर जाता कण कण में ये पर
खारों में विकसित हो कर फिर
सुंदरता से जन तन लुभाता मन
सूल बीच तोड़ चुभन वेदना छोड़
श्रृंगार सजाता हर नवयोवन जन
पर खार सूल मिजाज एक चुभन
श्रृंगार मन कब छोड़ पाता है इसे
यही मन इक अमिट फितरत जो
बदलने से जो नहीं बदला कभी
फितरत जन मन विविध अलग
वसुधैवकुटुम्बकम् एक मंत्र जो
प्रकृति प्रवृति मनोवृति आधार
जन जगत मन को पिरोता है जो
फिर भी मन माला न बन पाताहै
क्योंकि जन जन अलग फितरत
चाह कर भी ना बदल पाता इसे
समझ स्वभाव प्रवृति कीपहचान
कर्मवीर कर्मपथ पर चल अपना
विचार व्यवहार प्रकृति गहना से
सफ़र पूरा करना इक फितरतहै।
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तारकेश्वर प्रसाद तरुण