फिक्र मंद मल्लाह
बेपनाह सिसकियां, बेचनियां,रोना, तड़पना ,
बिखरना, रुसवाईयां, और तुझी को आह लिखूं
तू छोड़ दे शफिना मेरा भंवर में डूबने के लिए
मैं तुझी को फिर भी फिक्र मंद मल्लाह लिखूं
प्रज्ञा गोयल ©®
बेपनाह सिसकियां, बेचनियां,रोना, तड़पना ,
बिखरना, रुसवाईयां, और तुझी को आह लिखूं
तू छोड़ दे शफिना मेरा भंवर में डूबने के लिए
मैं तुझी को फिर भी फिक्र मंद मल्लाह लिखूं
प्रज्ञा गोयल ©®