” फ़ोटो “
आज नए युग का आगमन जैसे ही हुआ
सभी ने चिल्लाया कि जमाना बदल जाए
अरे परिवर्तन ही तो प्रकृति का नियम है
थोड़ी हवा चले तो मौसम को पलट जाए,
फ़ोटो तो पुरातन काल से ही विद्यमान थी
बस आज इसका थोड़ा स्वरूप बदल जाए
पहले नेगेटिव से धुलकर फ़ोटो में बदलती
वही तस्वीर जो आज प्रिंटर से निकल जाए,
हम तो बचपन में खूब इंतज़ार करते इसका
बोर्ड के परीक्षा फॉर्म के लिए कब फ़ोटो खिंचवाए
अध्यापक कहें फ़ोटो खींचेगी तैयार होकर आना
लगाकर टाई बैल्ट हम फटाफट मेज पर बैठ जाएं,
चार चार बच्चों की एक साथ फ़ोटो खींचती
बाद में कतरनी से हम अलग का कट लगाएं
ब्याह शादि में एल्बम में विराजने की खातिर
दूल्हा दुल्हन के पीछे से नाड़ बाहर हम कर जाएं,
ना रही अब वो रील और ना ही बड़े बड़े कैमरे
डिजिटल कैमरा तो स्टोरेज कार्ड से चल जाए
घड़ी, कंप्यूटर और लैपटॉप में भी आया कैमरा
चलभास की सेल्फी तो आज सबके मन भाए,
फोटोग्राफर बोलता थोड़ा और मुस्कुराओ जी
वो आवाज आज टिचक टिचक में बदल जाए
खुद ही खींच लेते हैं आज हम खुद की फोटो
यह सब देखकर तो फोटो भी मंद मंद मुस्कुराए।
Dr.Meenu Poonia jaipur