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22 Feb 2023 · 1 min read

फ़साना-ए-उल्फ़त सुनाते सुनाते

फ़साना-ए-उल्फ़त सुनाते सुनाते
बड़ी देर की यूँ ग़ज़ल गुन’गुनाते

रहा इश्क़ का खाता हरदम ही ख़ाली
कि हम चैक दिल का ये कैसे भुनाते

—महावीर उत्तरांचली

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