फ़रियाद
पहली फ़रियाद भी तुम आखिरी फरियाद भी तुम
कल भी तो याद थे तुम आज भी हमें याद हो तुम
पहली फ़रियाद…………………
तुमको देखा तो लगा जैसे जिंदगी हो गई हासिल
मेरी चाहत मेरी मोहब्बत या कहूँ माहताब हो तुम
पहली फ़रियाद…………..…….
यकिन् कैसे करें तुम किसी और की अमानत हो
अब भी ख्वाबों और खयालों में यूँ आबाद हो तुम
पहली फ़रियाद………………..
हमने चाहा है तुमको जमाने की हद से भी आगे
हम टूटा तारा कोई जैसे नूर-ए-आफ़ताब हो तुम
पहली फ़रियाद……………….
‘विनोद’ रहें भी तो रहें कैसे तुम्हारे बिन यूँ कहो
मेरी सांसों में बसी दिल की मधुर आवाज हो तुम
पहली फ़रियाद………………..