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28 Sep 2024 · 1 min read

फ़क़्त ज़हनी तवाज़ुन से निकलती हैं तदबीरें,

फ़क़्त ज़हनी तवाज़ुन से निकलती हैं तदबीरें,
परेशां सोच से कोई मसअला हल नहीं होता ।
डाॅ○फ़ौज़िया नसीम शाद

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