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31 May 2024 · 1 min read

फसल

बोई नही कोई अच्छी सी फसल मैने,
उग आए खर-पतवार.तो सभालू कैसे?

कश्ती जो तूफा मे ही ले निकल पडा,
डूबने से बचू खुद,औरो को बचालू कैसे?

मैने स्याह रातो मे,लम्बा सफर तै किया!
चंद लम्हे पहले आख लगी,जगालू कैसे?

औरो को नसीहत देना आसान होता है,
खुद पर जब आ बनती है,बचालू कैसे?

मौलिक सर्वाधिकार सुरछित रचना
बोधिसत्व कस्तूरिया एडवोकेट,कवि,पत्रकार
202 नीरव निकुजं,फेस-2.सिकंदरा,आगरा-282007
मो:9412443093

2 Likes · 80 Views
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