फलवाला (बाल कवितायेँ)
(1.) मैं हूँ फलवाला बच्चों
मैं हूँ फलवाला बेटा जी
खा लो मीठे ताज़े फल
चौबीस घण्टे महा रसीले
खाओ हर पल ताज़े फल
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(2.) सेब
दुनिया भर में उगता सेब
सबसे प्यारा लगता सेब
डाक्टर को तुम दूर भगाओ
प्रतिदिन यदि इक सेव खाओ
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(3.) केला
दुनिया का अजब है मेला
हर कोई खाता है केला
इसे खाये पथिक थकेला
चाहे गुरू रहे या चेला
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(3.) आम
पहले बोलो राम-राम
तब खाओ रसीले आम
पेड़ से स्वयं ही गिरता
गर्मियों में यह पकता
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(4.) अमरूद
इलाहाबादी पेड़ा अमरूद
इसे तोड़े और खाये महमूद
जहांभर में ये पाया जाता
नमक रखके खाया जाता
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(5.) नाशपाती
कुछ भी न करे तन की दुर्गति
नाशपाती फल उत्तम है अति
खाते इसको ज्ञानी ध्यानी
दादा-दादी, नाना-नानी
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(6.) जामुन
मुझमें नहीं हैं कोई अवगुन
मैं हूँ बच्चों मीठा जामुन
मधुमेह में हूँ अति गुणकारी
मैंने काटी कई बीमारी
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(7.) लीची
हो जाए ख़राब, मुट्ठी में यदि भीची
खाओ छील के रसीली मीठी लीची
चुनु जी और मुनु जी खूब इसे खायें
फिर दोनों मधुर मधुर गीत सुनायें
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