फर्ज
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सुनो….. कहा जाता है
दीन से दुनिया भारी है
यहां तो नफ्सा नफ्सी का दौर जारी है
नहीं समझ में आता अब भी हक
किसी को क्या है……
हर एक शख्स पे ये
जिम्मेदारी है
हमारे वास्ते हम पे ये वक़्त भारी है
बस एक रास्ता है…खुदा का
जो है जहां ..वो वहां
निभाए फर्ज़ अपना अपना सब।
यही सब से बढ़ी इंसानियत की
ज़िम्मेदारी है…………शबीनाZ
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