जो मासूम हैं मासूमियत से छल रहें हैं ।
झील किनारे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
एक ही निश्चित समय पर कोई भी प्राणी किसी के साथ प्रेम , किस
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – तपोभूमि की यात्रा – 06
जन्नत का हरेक रास्ता, तेरा ही पता है
पापा का संघर्ष, वीरता का प्रतीक,
शिवा कहे, "शिव" की वाणी, जन, दुनिया थर्राए।
" नम पलकों की कोर "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
जमाना जीतने की ख्वाइश नहीं है मेरी!
चुभे खार सोना गँवारा किया
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
💐प्रेम कौतुक-379💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आंखो में है नींद पर सोया नही जाता