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28 Jan 2022 · 1 min read

फर्क नहीं पड़ता ____ घनाक्षरी

अपने विचार लेकर निकल पड़ा मैं तो।
साथ मिले या न मिले फर्क नहीं पड़ता।।
शनै शनै बड़ रहा मंजिल की ओर मैं तो।
पहुंच ही जाऊंगा जी फर्क नहीं पड़ता।।
सच-सच बोलना ही जीवन का लक्ष्य मेरा।
बोलने दो झूंठ उन्हे फर्क नहीं पड़ता।।
उनके इरादे वादे मुबारक हो उनको ही।
रहे चाहे दूर दूर फर्क नही पड़ता।।
राजेश व्यास अनुनय

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