फर्क़ ए मुहब्बत
मुहब्बत तुम जिसे समझो
वो खुद गर्जी
मुहब्बतम हम जिसे जाने
वो क़ुर्बानी…. शबीनाज़
Muhabbat tum jise samjho
Wo khudgharzi ….
Muhabbat ham jise jane
Wo qurbani………shabinaZ
मुहब्बत तुम जिसे समझो
वो खुद गर्जी
मुहब्बतम हम जिसे जाने
वो क़ुर्बानी…. शबीनाज़
Muhabbat tum jise samjho
Wo khudgharzi ….
Muhabbat ham jise jane
Wo qurbani………shabinaZ