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23 Jul 2017 · 1 min read

फरियाद

चम चमाती चांदनी रात,
चारों ओर से आयी है,
खिल-खिलाकार हंसी तुम्हारी,
ना जाने किससे बनकर आयी है।
थककर सायं सो जाता है,
कौन उसके हृदय की व्यथा को जानता है,
स्वार्थी हृदय में एहसास जागृत हो ही गया,
याद आओगे हरपल तुम,
चाहें हमदर्द बेगाना होकर रह गया।
अनजानी- सी-तास्वीर लिए फिरता हूँ,
देखा नहीं उसको ,फिर भी याद किया करता हूँ,
सभी परिवार को खुश रखना,
बनाना अपना सबको,
यथा ना जिंदगी ना दोबारा मिलती है,
और ना ही दोबारा मिलाती हैं,
इसी हर्ष में, जो है तुझमे,
जरा खुलकर हँस ले दोस्त इसमें,
सदा खुदा से मैं तेरी,
यही फरियाद किया कारता हूँ।

Language: Hindi
872 Views
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