फख्र है उन्हें अपनी आजकल वकालत पर
फख्र हैं उन्हें अपनी आजकल वकालत पर
रौब वो दिखाते हैं झूठ की सियासत पर
नोंक-झोंक आपस की प्यार ही बढ़ाती है
इसलिये उतर आता दिल भी ये शरारत पर
हर कदम पे ही हमने साथ आपका पाया
नाज इसलिए हमको आपकी मुहब्बत पर
लाख आंधियां आईं ये कदम न रुक पाए
दाद आज देते हैं सब हमारी हिम्मत पर
राह नेकियों की हम तो कभी न छोड़ेंगे
चलते हैं बड़ों की हर दी गई नसीहत पर
हार भी बदल देंगे जीत में ही इक दिन हम
है यकीन जो अपने हौसलों की ताकत पर
‘अर्चना’ मुहब्बत को हम जता नहीं पाते
और वो फिदा हम पे इस हमारी आदत पर
02-10-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद