— फक्कड़ —
जो देखा तो
अपन स्वाभाव में शामिल कर लिआ
ऐ जिंदगी मैने
तुझ को फक्कड़ बन के जी लिया
जिस से हुआ प्यार
उस के साथ निभा लिया
चाहत न रखी किसी चीज की
मेने तुझ को हमसफ़र बना लिआ
इस जीवन में सारी
ख्वाइशों को ताक पर रख दिआ
बिक गए दूसरों के हाथ
हम ने खुद को राख कर लिआ
फक्कड़ नुमा स्वभाव
पग पग पर हमने कर लिआ
ऐ जिंदगी तेरे प्यार
में ही हमने खुद को फनाह कर दिआ
अजीत कुमार तलवार
मेरठ