Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Aug 2021 · 1 min read

पढ़ी लिखी लड़की

पढ़ी-लिखी लड़की रोशनी घर की
जिधर भी जाए घर को रोशन करती

एक नहीं वो कितने घरो का मान बढ़ाएं
मन में है लाखो राज वो उन्हें दबाये
बँधी है वो समाज के अनेक बंधनों में
फिर भी वो घर का हर फर्ज निभाये

रोशन उससे सारा जहां है
बनता उससे परिवार यहां है
बताओ उसके बिना परिवार कहा है
वो हर घर ऊंचाइयो पर रहा है
शिक्षित नारी का जहा वास रहा है

कभी विश्वसुंदरी का ताज पहनती
मैरी कॉम कभी मीरा बाई चानू बन
भारत को पदक और सम्मान दिलाती
कभी पर्वतरोही बन कर के वो
ऊची चोटियों को भी फतह कर जाती

वो भारत की वीर नारिया है जो
भारत माँ के लिए शहीद हो जाती
वैज्ञानिक बन कल्पना की तरहा
देश का विश्व मे प्रचम लहराती

कभी हॉकी वॉमेन बन पावर दिखाती
कभी क्रिकेटर बन छक्के छुड़ाती
ऐसी लड़की रोशनी घर की
पुरे देश को रोशन कर जाती
** ** **
स्वामी गंगानिया

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 1423 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Swami Ganganiya
View all
You may also like:
खुद ही परेशान हूँ मैं, अपने हाल-ऐ-मज़बूरी से
खुद ही परेशान हूँ मैं, अपने हाल-ऐ-मज़बूरी से
डी. के. निवातिया
लुट गया है मक़ान किश्तों में।
लुट गया है मक़ान किश्तों में।
पंकज परिंदा
जुए और चुनाव में उतना ही धन डालें, जिसे बिना परेशानी के क्वि
जुए और चुनाव में उतना ही धन डालें, जिसे बिना परेशानी के क्वि
Sanjay ' शून्य'
तोड़ डालो ये परम्परा
तोड़ डालो ये परम्परा
VINOD CHAUHAN
मुहब्बत सचमें ही थी।
मुहब्बत सचमें ही थी।
Taj Mohammad
जो दुआएं
जो दुआएं
Dr fauzia Naseem shad
थोड़ी मोहब्बत तो उसे भी रही होगी हमसे
थोड़ी मोहब्बत तो उसे भी रही होगी हमसे
शेखर सिंह
गुफ़्तगू हो न हो
गुफ़्तगू हो न हो
हिमांशु Kulshrestha
समझ
समझ
Dinesh Kumar Gangwar
ग़ज़ल _ कहाँ है वोह शायर, जो हदों में ही जकड़ जाये !
ग़ज़ल _ कहाँ है वोह शायर, जो हदों में ही जकड़ जाये !
Neelofar Khan
विश्राम   ...
विश्राम ...
sushil sarna
रामजी कर देना उपकार
रामजी कर देना उपकार
Seema gupta,Alwar
जिंदगी वही जिया है जीता है,जिसको जिद्द है ,जिसमे जिंदादिली ह
जिंदगी वही जिया है जीता है,जिसको जिद्द है ,जिसमे जिंदादिली ह
पूर्वार्थ
3418⚘ *पूर्णिका* ⚘
3418⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
अहंकार
अहंकार
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
नज़रें बयां करती हैं,लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
नज़रें बयां करती हैं,लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
Keshav kishor Kumar
★आखिरी पंक्ति ★
★आखिरी पंक्ति ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
Memories
Memories
Sampada
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
''बिल्ली के जबड़े से छिछडे छीनना भी कोई कम पराक्रम की बात नही
''बिल्ली के जबड़े से छिछडे छीनना भी कोई कम पराक्रम की बात नही
*प्रणय*
मेरे दिल ओ जां में समाते जाते
मेरे दिल ओ जां में समाते जाते
Monika Arora
अहाना छंद बुंदेली
अहाना छंद बुंदेली
Subhash Singhai
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
Kumar lalit
दोहे-मुट्ठी
दोहे-मुट्ठी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जै हनुमान
जै हनुमान
Seema Garg
प्रलयंकारी कोरोना
प्रलयंकारी कोरोना
Shriyansh Gupta
"समाहित"
Dr. Kishan tandon kranti
शिक्षक सही गलत का अर्थ समझाते हैं
शिक्षक सही गलत का अर्थ समझाते हैं
Sonam Puneet Dubey
नव वर्ष का आगाज़
नव वर्ष का आगाज़
Vandna Thakur
नम आँखे
नम आँखे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Loading...