पढ़ा लिखा है तू
पढ़ा लिखा है तू रात दिन जगा है तू
इसलिये घिसट घिसट जूता घिसा है
आँखे दिखलाता , गुर्राता है मालिक
दिन रात मेहनत कर जिन्दा रहा है
पढ़ा लिखा है तू रात दिन जगा है तू
इसलिये घिसट घिसट जूता घिसा है
आँखे दिखलाता , गुर्राता है मालिक
दिन रात मेहनत कर जिन्दा रहा है