पढ़ाई
खुद ही लिखता है, मेरी किस्मत का लिखा पढ़ता है।
मिठास ए जुबान को अक्सर वह तीखा पढ़ता है।
न जाने किस स्कूल में उसने पढ़ाई की है,
मैं क्या लिखता हूँ और वह क्या क्या पढ़ता है।
संजय नारायण
खुद ही लिखता है, मेरी किस्मत का लिखा पढ़ता है।
मिठास ए जुबान को अक्सर वह तीखा पढ़ता है।
न जाने किस स्कूल में उसने पढ़ाई की है,
मैं क्या लिखता हूँ और वह क्या क्या पढ़ता है।
संजय नारायण