Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Mar 2020 · 1 min read

पढ़ाई

जैसे कटे कपडों को मनचाहा
आकार देती है उनकी सिलाई
वैसे ही मनुष्य का व्यक्तित्व
बनाती व संवारती है पढ़ाई।

जीवन पथ में उतार हो कितने
चाहे कितनी दुर्गम चढ़ाई,
उन्हें पार करने की योग्यता
सिखला ही देती है पढ़ाई।

शिक्षित को रोज़गार मिले
हो जाती भरपेट कमाई
स्वावलंबन, आत्मविश्वास और
सद्भाव जगाए पढ़ाई।

जाति – कुल न आड़े आए
गुणवान बनाए पढ़ाई,
सफलता की राह दिखाए
नई पहचान दिलाए पढ़ाई।

शक्ल -सूरत और सुंदरता की
कभी नहीं होती सदा बड़ाई,
सर्वश्रेष्ठ है शिक्षा का आभूषण
जिसने सोई किस्मत चमकाई।

मनुष्य का स्थाई श्रृंगार है
उसके संस्कार और पढ़ाई,
सीरत और चरित्र को गढ़ती
पढ़ाई और केवल पढ़ाई।

खेमकिरण सैनी
4.3.2020

4 Likes · 3 Comments · 400 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"बच्चे "
Slok maurya "umang"
कहता है सिपाही
कहता है सिपाही
Vandna thakur
श्री कृष्ण जन्माष्टमी
श्री कृष्ण जन्माष्टमी
Neeraj Agarwal
भरोसा खुद पर
भरोसा खुद पर
Mukesh Kumar Sonkar
आपका बुरा वक्त
आपका बुरा वक्त
Paras Nath Jha
3351.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3351.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
'क्या कहता है दिल'
'क्या कहता है दिल'
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
एक श्वान की व्यथा
एक श्वान की व्यथा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
इन रावणों को कौन मारेगा?
इन रावणों को कौन मारेगा?
कवि रमेशराज
धरती करें पुकार
धरती करें पुकार
नूरफातिमा खातून नूरी
इश्क वो गुनाह है
इश्क वो गुनाह है
Surinder blackpen
जब तक नहीं है पास,
जब तक नहीं है पास,
Satish Srijan
गज़ल सी कविता
गज़ल सी कविता
Kanchan Khanna
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
SATPAL CHAUHAN
😊■रोज़गार■😊
😊■रोज़गार■😊
*Author प्रणय प्रभात*
युक्रेन और रूस ; संगीत
युक्रेन और रूस ; संगीत
कवि अनिल कुमार पँचोली
ग़ज़ल /
ग़ज़ल /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"बेहतर है चुप रहें"
Dr. Kishan tandon kranti
*नज़ाकत या उल्फत*
*नज़ाकत या उल्फत*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कविता
कविता
Shiva Awasthi
बाल कविता: तितली
बाल कविता: तितली
Rajesh Kumar Arjun
बंद करो अब दिवसीय काम।
बंद करो अब दिवसीय काम।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वो खूबसूरत है
वो खूबसूरत है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
मुख्तशर सी जिन्दगी हैं,,,
मुख्तशर सी जिन्दगी हैं,,,
Taj Mohammad
सुनी चेतना की नहीं,
सुनी चेतना की नहीं,
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
कभी-कभी नींद बेवजह ही गायब होती है और हम वजह तलाश रहे होते ह
कभी-कभी नींद बेवजह ही गायब होती है और हम वजह तलाश रहे होते ह
पूर्वार्थ
*कोरोना- काल में शादियाँ( छह दोहे )*
*कोरोना- काल में शादियाँ( छह दोहे )*
Ravi Prakash
आंखों में शर्म की
आंखों में शर्म की
Dr fauzia Naseem shad
न पूछो हुस्न की तारीफ़ हम से,
न पूछो हुस्न की तारीफ़ हम से,
Vishal babu (vishu)
Loading...