प्रेरक प्रसंग
आज दिनांक 20.08.2022 से करीब 20 दिन पहले की बात है | सुबह के समय स्कूल जाते समय मैं एक पट्रोल पंप पर पट्रोल भरवाने के लिए रुका | मेरे साथ मेरे ही विद्यालय के एक शिक्षक साथ थे | पट्रोल मैंने 250 रुपये का भरने के लिए कहा | पट्रोल भर जाने के बाद मैंने पर्स निकाला और और 500 का एक नया नोट उसके हाथ में थमा दिया | उसने मुझे 250 रुपये वापस लौटा दिए | इसी बीच मेरे साथ शिक्षक ने मुझसे पूछा कि मैंने 250 का पट्रोल भरवाया पर मैंने उसे 1000 रुपये क्यों दिए | मैने साथी शिक्षक से कहा कि मैंने उसे केवल 500 रुपये दिए पर न जाने क्यों उन्हें लगा कि मैंने गलती से एक 500 के एक नोट की जगह दो 500 के नोट पट्रोल पंप वाले को दे दिए | बात को वहीँ ख़त्म कर हम स्कूल चले गए | बाद में स्कूल में मुझे याद आया कि मेरे पर्स में तो 500 के दो नोट थे पर अभी केवल 250 रुपये हैं जो पट्रोल पंप वाले ने मुझे वापस किये थे | मेरा माथा ठनका | घर आकर मैंने अपनी पत्नी को बात बतायी तो उन्होंने कहा कि कल मैंने आपको दो 500 – 500 के नोट दिए थे | हो सकता है कि नोट एकदम नए थे तो एक के साथ दूसरा भी चला गया होगा |
अगली सुबह मैं अपने साथी शिक्षक के साथ उसी पट्रोल पंप पर जा पहुंचा तो पता चला कि जिस व्यक्ति से हमने पट्रोल भरवाया था वह शाम के समय ही मिलेगा | सो हमने स्कूल के बाद लौटते समय उससे मिलने का सोचा | स्कूल से वापस लौटते समय हम उसी पट्रोल पंप पर पहुँच गए | हम पट्रोल पंप के मेनेजर के पास पहुंचे और कल की घटना के बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि आप उस कर्मचारी को पहचान लीजिये जिससे आपने पट्रोल भरवाया था | हमने ज्यादा समय नहीं लिया उस व्यक्ति को पहचानने में | हमने धीरे से उसके पास जा विनयपूर्वक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए एक दिन पहले की घटना का जिक्र किया और कहा कि आपके कल के राशि संग्रह में यदि 500 ज्यादा निकले हों तो कृपया वापस करने का कष्ट करें | उस व्यक्ति ने ज्यादा समय न लेते हुए जेब से 500 का नोट निकालकर दे दिया | हमने उसे धन्यवाद दिया और घर की राह ली | हम बार – बार यही सोच रहे थी कि काश उसने ये 500 रुपये एक दिन पहले ही काउंटर पर लौटा दिए होते तो उसके प्रति हमारा सम्मान और बढ़ जाता | खैर हम उसकी ईमानदारी को सलाम करते हैं | देर से ही सही पर उसने ईमानदारी तो दिखाई |