Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jan 2021 · 1 min read

प्रेम

प्रेम
*****

बंधन नेह का नेह से , प्रेम इसी को मान
उपजे अनुपम राग जब ,आसक्ति उसे जान

रिश्ते नाते धरा पर, पगे प्रेम की राह
दिल से दिल का मेल हो , पनपे गहरी चाह

मिले जिस्म से जिस्म जब ,रचता रिश्ता अनूप
धूम मचाती जिन्दगी, दिखे प्रेमी सरूप

चाह एक दूसरे की , ले ले जब आकार
बन्ध प्रेम के खुले है , रचे सृजन साकार

प्रेम प्रीत जब मधुर हो , आशा अनंत अपार
जीवन यात्रा सुगम हो, जीवन नौका पार

बंधन सांस का सांस से , जीवन का आधार
सांस नहीं जब रहे तो , जीवन है बेकार

इसी लिए सुन प्यारे , नहीं मोह को पाल
उठा बोरिया बिस्तरे , ले जायेगा काल

Language: Hindi
75 Likes · 1 Comment · 526 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
*आज बड़े अरसे बाद खुद से मुलाकात हुई हैं ।
*आज बड़े अरसे बाद खुद से मुलाकात हुई हैं ।
Ashwini sharma
आज का दौर
आज का दौर
Shyam Sundar Subramanian
खाली पैमाना
खाली पैमाना
ओनिका सेतिया 'अनु '
🙅आज का ज्ञान🙅
🙅आज का ज्ञान🙅
*प्रणय*
3540.💐 *पूर्णिका* 💐
3540.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हनुमान जी के गदा
हनुमान जी के गदा
Santosh kumar Miri
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मात्र नाम नहीं तुम
मात्र नाम नहीं तुम
Mamta Rani
An Evening
An Evening
goutam shaw
स्तंभ बिन संविधान
स्तंभ बिन संविधान
Mahender Singh
संवाद होना चाहिए
संवाद होना चाहिए
संजय कुमार संजू
वेलेंटाइन डे बिना विवाह के सुहागरात के समान है।
वेलेंटाइन डे बिना विवाह के सुहागरात के समान है।
Rj Anand Prajapati
राजनीती
राजनीती
Bodhisatva kastooriya
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
बातों में उस बात का,
बातों में उस बात का,
sushil sarna
प्रकृति
प्रकृति
Mangilal 713
,✍️फरेब:आस्तीन के सांप बन गए हो तुम...
,✍️फरेब:आस्तीन के सांप बन गए हो तुम...
पं अंजू पांडेय अश्रु
नव्य द्वीप का रहने वाला
नव्य द्वीप का रहने वाला
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
कितनी बूंदों से मिलकर
कितनी बूंदों से मिलकर
पूर्वार्थ
79kingpress
79kingpress
79kingpress
जमाना खराब है
जमाना खराब है
Ritu Asooja
मुक्तक
मुक्तक
Neelofar Khan
सावन
सावन
Dr Archana Gupta
माँ
माँ
Vijay kumar Pandey
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
Aarti sirsat
जीवन की रंगीनियत
जीवन की रंगीनियत
Dr Mukesh 'Aseemit'
"लम्हा इंतजार का"
Dr. Kishan tandon kranti
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
इशरत हिदायत ख़ान
वैसे अपने अपने विचार है
वैसे अपने अपने विचार है
शेखर सिंह
सारी दुनिया समझ नहीं सकती ,
सारी दुनिया समझ नहीं सकती ,
Dr fauzia Naseem shad
Loading...