प्रेम
प्रेम दुनिया में सबसे हसीं चीज है
प्रेम अंतस में सबके बसी चीज है
ना ही बंगला न कोठे न कोई भी शय
प्रेम दुनिया की सबसे बड़ी चीज है
प्रेम में पड़के राधाजी रानी बनीं
प्रेमियों की अमर वो निशानी बनीं
प्रेम ने जाने कितनों को जीवन दिया
प्रेम ही था कि मीरा दीवानी बनी
इससे बढ़के न तीरथ है दूजा सुनो
प्रेम ही है दीवानों की पूजा सुनो
और भी हैं बहुत सारे भाव यहां
प्रेम सा ना हुआ कुछ न होगा सुनो
प्रेम छाया है ठंडी खिली धूप है
प्रेम ही भावनाओं का स्वरुप है
प्रेम से ही चली है ये दुनिया सदा
प्रेम अल्लाह ईश्वर का ही रुप है
डोर सांसों की एक दरमियाँ डाल दे
सादगी में भी रंगीनियां डाल दे
प्रेम ने ही बनाया है सुंदर ये जग
प्रेम वो है जो पत्थर में जां डाल दे
प्रेम सत्कर्मए सत्संग सद्भाव है
प्रेम के इस जहाँ में कई भाव हैं
प्रेम माता पिता प्रेम भाई बहन
प्रेम हर एक रिश्ते का प्रभाव है
विक्रम कुमार
मनोरा वैशाली