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22 Nov 2017 · 1 min read

प्रेम

मेरी कलम से…
कागज के किनारे तुम
इंतज़ार करना
मैं भेजूंगा
इस छोर से
हृदय की नौका में
कविता को माँझी बनाकर
प्रेमजल के सहारे
तुम्हारे लिए
शब्दों का श्रृंगार
सजा लेना खुद को
मेरे आंतरिक लगाव को
समझ जाना
बस कारण
मत पूछना कि तुमसे
इतना अनंत प्रेम क्यों है!!!!
©चंदन सोनी

Language: Hindi
656 Views
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