प्रेम
मेरी कलम से…
कागज के किनारे तुम
इंतज़ार करना
मैं भेजूंगा
इस छोर से
हृदय की नौका में
कविता को माँझी बनाकर
प्रेमजल के सहारे
तुम्हारे लिए
शब्दों का श्रृंगार
सजा लेना खुद को
मेरे आंतरिक लगाव को
समझ जाना
बस कारण
मत पूछना कि तुमसे
इतना अनंत प्रेम क्यों है!!!!
©चंदन सोनी