प्रेम
#प्रेम
“तेरे चेहरे की ये मुस्कान
इस मुस्कान में छिपा तेरा यूँ शरमाना,
तेरे हाथों में लगी ये मेहंदी
इस मेहंदी को देख तेरा यूँ इतराना,
तेरे कानों में सजी ये सुंदर बालियां
इन हवाओं से तेरी बालियों का यूँ लहराना,
लाल साड़ी में सिमटा तेरा ये यौवन
इस यौवन पर तेरा यूँ इठलाना,
तेरी खुली घनी काली ज़ुल्फ़ें
इन ज़ुल्फ़ों को समेटने की कोशिश करता ये गुलाब,
मेरे क़रीब इतना क़रीब हो तुम
ये हक़ीक़त है या है बस मेरा एक ख़्वाब
आ कि तुझे पहना दूँ पाजेब मैं
मख़मली ख़ूबसूरत तेरे इन पाँव में,
मेरे निश्चल प्रेम की बेड़ियाँ समझ
तुम इन्हें स्वीकार कर लेना,
गर यकीं हो मेरी चाहत पर
तो मेरा हाथ थाम तुम मुझे अपना लेना”