प्रेम
मैं, तुम्हें
अपने प्रेम में
नहीं बाँध सकता,
तुम आज़ाद हो
आज़ाद रहो;
मैं नहीं चाहता हूँ
तुम मेरे
प्रेम के बंधन में बँधकर
अपनी
कल्पनाओं का विस्तार
अनंत ब्रह्मांड से समेटकर
समुद्र की एक बूँद पर लाकर
केंद्रित कर दो।
मैं, तुम्हें
अपने प्रेम में
नहीं बाँध सकता,
तुम आज़ाद हो
आज़ाद रहो;
मैं नहीं चाहता हूँ
तुम मेरे
प्रेम के बंधन में बँधकर
अपनी
कल्पनाओं का विस्तार
अनंत ब्रह्मांड से समेटकर
समुद्र की एक बूँद पर लाकर
केंद्रित कर दो।