प्रेम ही पूजा है
प्यार को प्यार जताने की जरूरत ही नहीं
यार को यार बताने की जरूरत ही नहीं
प्रेम है त्याग,तपस्या है समर्पण दिल का
प्रेम पूजा है दिखाने की जरूरत ही नहीं
प्रेम अरदास है सजदा है बंदगी उसकी
प्यार में ढोंग रचाने की जरूरत ही नहीं
चोट मुझको जो लगे दर्द उसे होता है
हाले दिल उसको सुनाने की जरूरत ही नहीं
लेना चाहे जो तू मेरे प्यार का इंतिहान ले ले
बेवजह मुझ को सताने की जरूरत ही नहीं