प्रेम सापित है …
कुछ लोग वहीं खड़े रह जाते हैैं आजन्म
जिस जगह से फूटती है
किसी विशेष के
मन के छुअन से
प्रेम की गंगोत्री …
प्रेम सापित है …
प्रेम में भोगना ही होता है
दर्द और बिछोह
करना ही पड़ता है
अंतिम सांस तक बट जोह
कुछ लोग बाट जोहते रह जाते हैं
~ सिद्धार्थ