प्रेम में पहचान किसे ?
प्यार है इंतज़ार है,
बेकरार और भी ज्यादा मिले,
पहला प्यार है वो,
जो घुटन तोड़ दे,
जीवन के मायने बदल दे,
सच्चा प्यार है वो,
मुश्किलें बढ़े जमाने की,
खुद की दुनिया बदल दे,
वो सिर्फ प्यार नहीं,
इतिहास है वो,
आज नहीं तो कल है बने,
जिसे मिटाने को दुनिया बेकरार है,
दृष्टि में दुर्लभ है वो,
इसी लिए उछीड़ है वहाँ,
विवाह शादी ट्रेड है,
ट्रैक नहीं होता प्यार में,
जो बहे इकसार है,
लय है वो
सतत है वो
सरिता सम प्रवाह है वो
जरूरत पड़े
शिला तोड़ आगे बढ़े
वरन् झुक
आशीर्वाद बने
महेंद्र को प्यार मिले,
आदर मिले ,
सत्कार बढ़े ,
सबसे आशीर्वाद मिले ,
वो प्यार नहीं परमात्मा है ,
जिसे प्यार की सच्ची सौगात मिले,