प्रेम बयार
लप-डप ध्वनि ध्वनित उर मेरा,
कोई तोड़ नहीं है प्रिय तेरा।
हर स्पंदन कोमल गीत लगे,
तन जलता, मन दीप जले।।
डॉ. कमलेश कुमार पटेल “अटल”
लप-डप ध्वनि ध्वनित उर मेरा,
कोई तोड़ नहीं है प्रिय तेरा।
हर स्पंदन कोमल गीत लगे,
तन जलता, मन दीप जले।।
डॉ. कमलेश कुमार पटेल “अटल”