प्रेम पाती
लिखते लिखते पाती तुमको,
कितनी सुबहें शाम हो गई।
खत के उसके इंतजार में,
सारी जिंदगी तमाम हो गई।
भूल न पाऊं तेरी बातें
खत लिख लिखकर मैं हारी
साजन कंगन,झुमके,
पायल सब उदास बाट में थारी।
मत करना नम अपनी आंखे,
यह कह तुम चले गए,
न चिट्ठी न खत और पाती,
बस यादें दे तुम चले गए।
नीलम शर्मा