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6 Nov 2018 · 1 min read

प्रेम परिभाषा

प्रेम है तो संग है,
प्रेम से प्रसंग है,
प्रेम है देवता,
प्रेम सूखे में रंग है।
प्रेम चाहे मार दे,
चाहे तो सँवार दे,
प्रेम है औषधी,
प्रेम नहीं कुछ नहीं,
प्रेम है हर दावा,
प्रेम बिन कुछ न बना।
प्रेम को जो कहो,
प्रेम से ही सब मिला।।

Language: Hindi
5 Likes · 2 Comments · 253 Views
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