Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2024 · 1 min read

प्रेम परस्पर करें हम सभी

प्रेम परस्पर करें हम सभी, खींचें नहीं किसी की टाॅंग।
आज समय की यही जरूरत, और यही है युग की माॅंग।।
प्रेमाश्रयी भक्ति से बढ़कर, भक्ति नहीं है कोई अन्य।
प्रेम करें हम परमात्मा से, जीवन हो जाएगा धन्य।।

परमात्मा बैठा जन-जन में, नहीं किसी से किंचित दूर।
आओ उसको पहचानें हम, उससे प्यार करें भरपूर।।
सचर-अचर में विद्यमान वह, उसकी ही है सारी सृष्टि।
हम उसको पहचान सकेंगे, जब वह हमको दे दे दृष्टि।।

दृष्टि प्राप्ति के लिए प्रार्थना, करें, करें हम उसको याद।
वह प्रसन्न हो जाएगा तो, आएगा जीवन में स्वाद।।
कोई स्वाद न अन्य किसी का, उसके ही हैं स्वाद समस्त।
विद्या- विनय- विभूति- चातुरी, हर वरदान उसी के हस्त।।

आओ उसको माथ नवाएं, पाएं हम उससे वरदान।
हम न भले पहचानें उसको, वह हमको लेगा पहचान।।
वही पुरस्कृत करता सबको, वह ही करता दंड प्रदान।
हमें चाहिए नित्य नियम से, गाएं हम उसका गुणगान।।

वही प्रेरणा देकर हमसे, करवाएगा कर्म अकूत।
हम विचरेंगे अखिल भुवन में, बन उस जगदीश्वर के दूत।।
हम विजयी – दिग्विजयी होंगे, फहराएंगे यश का केतु।
सार्थक यत्न सदैव करेंगे, हम सारी नरता के हेतु।।

सतयुग लाने के प्रयास में, चलो बटाएं उसका हाथ।
सबको दें प्रेरणा अहर्निश, आओ माॅंगें सबका साथ।।
वह प्रेरणा भरेगा सबमें, वह है सब नाथों का नाथ।
आओ हम सब एक साथ मिल, उसे झुकाएं अपना माथ।।

महेश चन्द्र त्रिपाठी

Language: Hindi
1 Like · 49 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महेश चन्द्र त्रिपाठी
View all
You may also like:
जिंदगी
जिंदगी
लक्ष्मी सिंह
जिंदगी तो धोखा है आज नहीं तो कल साथ छोड़ जाएगा ll
जिंदगी तो धोखा है आज नहीं तो कल साथ छोड़ जाएगा ll
Ranjeet kumar patre
उनको असफलता अधिक हाथ लगती है जो सफलता प्राप्त करने के लिए सह
उनको असफलता अधिक हाथ लगती है जो सफलता प्राप्त करने के लिए सह
Rj Anand Prajapati
' रहब हम मिथिलादेश में '
' रहब हम मिथिलादेश में '
मनोज कर्ण
कविता
कविता
Shiva Awasthi
मूँछ पर दोहे (मूँछ-मुच्छड़ पुराण दोहावली )
मूँछ पर दोहे (मूँछ-मुच्छड़ पुराण दोहावली )
Subhash Singhai
तुम्हारे जैसे थे तो हम भी प्यारे लगते थे
तुम्हारे जैसे थे तो हम भी प्यारे लगते थे
Keshav kishor Kumar
पेजर ब्लास्ट - हम सब मौत के साये में
पेजर ब्लास्ट - हम सब मौत के साये में
Shivkumar Bilagrami
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
Ramswaroop Dinkar
बाल कविता: मोटर कार
बाल कविता: मोटर कार
Rajesh Kumar Arjun
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सपनों को दिल में लिए,
सपनों को दिल में लिए,
Yogendra Chaturwedi
सफाई कामगारों के हक और अधिकारों की दास्तां को बयां करती हुई कविता 'आखिर कब तक'
सफाई कामगारों के हक और अधिकारों की दास्तां को बयां करती हुई कविता 'आखिर कब तक'
Dr. Narendra Valmiki
लें दे कर इंतज़ार रह गया
लें दे कर इंतज़ार रह गया
Manoj Mahato
"जीवन के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
मेरे हमसफ़र 💗💗🙏🏻🙏🏻🙏🏻
मेरे हमसफ़र 💗💗🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Seema gupta,Alwar
गीत
गीत
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ख़त्म अपना
ख़त्म अपना
Dr fauzia Naseem shad
परिवार के एक सदस्य की मौत के दिन जश्न के उन्माद में डूबे इंस
परिवार के एक सदस्य की मौत के दिन जश्न के उन्माद में डूबे इंस
*प्रणय*
नदी से जल सूखने मत देना, पेड़ से साख गिरने मत देना,
नदी से जल सूखने मत देना, पेड़ से साख गिरने मत देना,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
गहरी हो बुनियादी जिसकी
गहरी हो बुनियादी जिसकी
कवि दीपक बवेजा
हरसिंगार
हरसिंगार
Shweta Soni
रंग -भेद ना चाहिए ,विश्व शांति लाइए ,सम्मान सबका कीजिए,
रंग -भेद ना चाहिए ,विश्व शांति लाइए ,सम्मान सबका कीजिए,
DrLakshman Jha Parimal
मन्नतों के धागे होते है बेटे
मन्नतों के धागे होते है बेटे
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
सच तो तेरा मेरा प्यार हैं।
सच तो तेरा मेरा प्यार हैं।
Neeraj Agarwal
स्वार्थी आदमी
स्वार्थी आदमी
अनिल "आदर्श"
बुराई का अंत बहोत बुरा होता है
बुराई का अंत बहोत बुरा होता है
Sonam Puneet Dubey
हे मात भवानी...
हे मात भवानी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
3100.*पूर्णिका*
3100.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...