प्रेम पथिक
फूलों से पूछो बहारों से पूछो,
अपने उन किरदारों से पूछो।
जिसने मुझे तुम्हारा प्रेमी बनाया,
मादकता में डूबी नजारों से पूछो।
ऊषा मय पीली हरियाली से पूछो,
गुलाबी कोंपलें की लाली से पूछो।
कूकती कोकिल की आम्र डाली से पूछो,
सुबह सुनहरी रात काली से पूछो।
खोये हुए हर ख्याली से पूछो।
मेरे हृदय की धड़कन हर सवाली से पूछो।
अपने होंठों की उन लाली से पूछो,
जूठी चाय की प्याली से पूछो।
सब तुम्हें मेरी तरफ आने का पता देंगे
मुझसे मिलने का वक्त बता देंगे।