प्रेम पत्र
प्रिय लिख रहा पाती तुमको,
इत्रों से महकाया इस को,
अक्षर अक्षर प्रेम निहित है,
पाती में भावना विहित है,
सब अश्रु अब मसी हुये हैं,
हाथ ही मेरे कलम बने हैं,
रूप तुम्हारा लिपिबद्ध किया है,
सुन कपोत स्तब्ध हुआ है,
कुशल तुम्हारी पूछ रहा हूं,
पुष्प प्रेम का भेज रहा हूं,
भाव हृदय के न तोल रहा हूं,
झूट कि खुश हूं बोल रहा हूं,
तुम पाती तुम अक्षर-अक्षर,
सिर्फ तुम्हारा प्रेमी प्रियवर,
पुष्प ठाकुर