प्रेम-पत्र
प्यार के अभिव्यक्ति की
प्राचीनतम विधि
प्रेम शब्दों मे कह के
व्यक्त न हो पाता
लिखकर कहना हो जाता था
प्रसंशा सुंदरता वर्णन
अनुनय विनय विरह व्यथा
बेकली अब आन मिलो
दिल का हाल पहुंच जाता था
खत पहुंचाने की तरकीबें
नई-नई सोंची जाती थी
दोस्त यारों की मदद
डाक बाबू की भूमिका
किसी तरह पहुंचाया जाता था
कब कहां कैसे
मिलने के दिन का तय होना
इंतजार उस दिन का
क्षण पल दिन गिनते गिनते
मन रोमांचित हो जाता था
विशेष तैयारी के साथ
पहले से सोंची बात
कहने का साहस करके
नियत स्थान पहुंचा जाता था
कुछ व्यक्त हुयीं कुछ अनकही
वक्त था पर जुबां खामोश रही
आंखे आंखो मे डूबी
रूप रस पान से
दिल बेकाबू हो जाता था
फिर मिलने के वादे पर
बिछड़ते थे खुशी खुशी
उनकी खुशबू उनके सपने
मन सिहरन से भर जाता था
इंटरनेट के इस युग मे
पहले जैसी बात कहां
इंतजार की बेचैनी न मिलने का रोमांच
त्वरित सेवा तत्काल प्रभाव
तू नही और सही का सिद्धांत
नाराजगी रूठना मनाना
अब न जाने कोई
जो पहले हुआ करता था
मौलिक
स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर