Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jun 2024 · 1 min read

प्रेम पत्र

प्रेम पत्र जब लिखा ,जो मन में था सब लिखा।
खुद सजदे में रहे ,तुझ को अपना रब लिखा।

सरे राह तुम मिले,दिल में की फूल खिले
मिलना भी कैसा मिलना,रब ने था सबब लिखा।

प्रेम में सब कुछ भूले , प्यार का झूला झूले
बेबस हुये हम ,जब बीच में देखा मजहब लिखा।

उड़ गयी निंदिया,सोहे न माथे पर बिंदिया
मिले ही क्यूं हम दोनों,किस्सा था अजब
लिखा।

कर ली दोनों ने बेवफाई, पल्ले पड़ गई तन्हाई
इज्जत मां बाप की पहले, सब ग़ौरतलब लिखा
सुरिंदर कौर

Language: Hindi
11 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Surinder blackpen
View all
You may also like:
मैं हु दीवाना तेरा
मैं हु दीवाना तेरा
Basant Bhagawan Roy
नीरोगी काया
नीरोगी काया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
शिवरात्रि
शिवरात्रि
Madhu Shah
प्रेम का अंधा उड़ान✍️✍️
प्रेम का अंधा उड़ान✍️✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Janab hm log middle class log hai,
Janab hm log middle class log hai,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
अंधेरा छाया
अंधेरा छाया
Neeraj Mishra " नीर "
“MY YOGA TEACHER- 1957” (REMINISCENCES) {PARMANPUR DARSHAN }
“MY YOGA TEACHER- 1957” (REMINISCENCES) {PARMANPUR DARSHAN }
DrLakshman Jha Parimal
अगर कुछ करना है,तो कर डालो ,वरना शुरू भी मत करना!
अगर कुछ करना है,तो कर डालो ,वरना शुरू भी मत करना!
पूर्वार्थ
*चैतन्य एक आंतरिक ऊर्जा*
*चैतन्य एक आंतरिक ऊर्जा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
विषम परिस्थितियों से डरना नहीं,
विषम परिस्थितियों से डरना नहीं,
Trishika S Dhara
यह मौसम और कुदरत के नज़ारे हैं।
यह मौसम और कुदरत के नज़ारे हैं।
Neeraj Agarwal
सबसे क़ीमती क्या है....
सबसे क़ीमती क्या है....
Vivek Mishra
"बेजुबान"
Pushpraj Anant
*स्वतंत्रता संग्राम के तपस्वी श्री सतीश चंद्र गुप्त एडवोकेट*
*स्वतंत्रता संग्राम के तपस्वी श्री सतीश चंद्र गुप्त एडवोकेट*
Ravi Prakash
"राजनीति में आत्मविश्वास के साथ कही गई हर बात पत्थर पर लकीर
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
नए पुराने रूटीन के याचक
नए पुराने रूटीन के याचक
Dr MusafiR BaithA
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष कविता:-
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष कविता:-
*प्रणय प्रभात*
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
प्रथम पूज्य श्रीगणेश
प्रथम पूज्य श्रीगणेश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
गुस्सा
गुस्सा
Sûrëkhâ
**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**
**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वाह वाह....मिल गई
वाह वाह....मिल गई
Suryakant Dwivedi
आपके पास धन इसलिए नहीं बढ़ रहा है क्योंकि आपकी व्यावसायिक पक
आपके पास धन इसलिए नहीं बढ़ रहा है क्योंकि आपकी व्यावसायिक पक
Rj Anand Prajapati
बाल एवं हास्य कविता : मुर्गा टीवी लाया है।
बाल एवं हास्य कविता : मुर्गा टीवी लाया है।
Rajesh Kumar Arjun
तेरी मौजूदगी में तेरी दुनिया कौन देखेगा
तेरी मौजूदगी में तेरी दुनिया कौन देखेगा
Rituraj shivem verma
"कारवाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
इरशा
इरशा
ओंकार मिश्र
2472.पूर्णिका
2472.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जीवन सूत्र (#नेपाली_लघुकथा)
जीवन सूत्र (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
फूल
फूल
Punam Pande
Loading...