प्रेम दोहवली
********** प्रेम – दोहावली **********
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देख तेरी तस्वीर को , रख लेते हैं धीर।
टूट दिल कौन जो भला,समझ सके है पीर।।
टूटी – फूटी झोंपड़ी , दिल के सदा अमीर।
हाल ए दिल करें बयां,हम तो संत फकीर।।
प्रेम पर भरोसा नहीं, जैसे चले समीर।
चैन निज संग ले उड़े, हालत हो गंभीर।।
मैना बैठी डाल पर , नैनो में भर नीर।
तोते से मन की कहे , मैं तेरी हूँ हीर।।
मनसीरत रत प्रेम में , सीना छलनी तीर।
जन्म – जन्म का साथ हो,जैसे दूध पनीर।।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)