प्रेम जीवन में सार
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प्रेम जीवन में पुलकित हो, यह जीवन मिले बार-बार। ऐसा हो मेरा सौहार्द्र। जीवन की सच्चाई में, अपने को भलाई में, विषाद से दूर जीवन के करीब ला पाए
तो मानव जीवन की आधी व्याधि दूर हो जाएगी। प्रेम जीवन में पुलकित हो,यह जीवन मिले बार-बार, ऐसा हो मेरा सौहार्द्र । है प्रेम जगत में सार, जिससे बसा हुआ है जीवन संसार।