प्रेम गीत
हम वहां मिलेंगे……
जहां ना जाति बंधन होगा,
ऊंच- नीच का क्रंदन होगा,
होगी सब खुशहाली वहां पर,
सांपों से मुक्त चन्दन होगा।
हम वहां मिलेंगे……….
जहां कोई ना दुश्मन होगा,
सच्चाई का इक दर्पण होगा,
मन के दीप जलेंगें सुंदर,,
सुंदर सा एक आंगन होगा।
हम वहां मिलेंगे………….
जहां ना तन के साथी होंगें,
मस्ती में झूमते हाथी होंगें,
होगा ना कोई रोने वाला,
हंसते गाते बाराती होंगें।
हम वहां मिलेंगे………
जहां ना जाति भेद होगा,
ना किसी के दिल में खेद होगा,
जात- पात के नाम से हटकर ,
तेरा मेरा मेल होगा………..।
हम वहां मिलेंगे………..
हम वहां मिलेंगे…..
वहां मिलेंगे।
जात पात ने मारी दुनियां,
बाप की बेटी हारी दुनियां,
बेटा भी तो मरता होगा,
कैसी है ये न्यारी दुनियां।
जात पात से हारा भारत,
ऊंच नीच में हारा भारत,
कितने हैं पाखंड यहां पर,
कैसा है ये प्यारा भारत।
हम कहां मिलेंगे….
हम वहां मिलेंगे……………..
मेरे आदर्श अटल बिहारी वाजपई के
चरणों में समर्पित तुच्छ भेट,,,