प्रेम गीत कैसे लिखू,जब चारो तरफ गम के बादल छाये हुए है –आर के रस्तोगी
प्रेम गीत कैसे लिखू,जब चारो तरफ गम के बादल छाये है |
नमन है मेरा उन शहीदों को,जो तिरंगा ओढ़ कर आये है ||
चारो तरफ शोक लहर है,जनता में भी काफी आक्रोश है |
अब तो केवल पाकिस्तान दुश्मन से,बदला लेना शेष है ||
पत्नियों का सिन्दूर पुछा है,बहनों का प्रेम धागा टूटा है |
माताओ की गोद सूनी हुई है,पिताओ का सहारा छूटा है ||
चारो तरफ मातम छाया है,श्रद्धा सुमन अर्पित हो रहे है |
उन वीर शहीदों का चारो तरफ,जय जय कार हो रहे है ||
छोटे बालक माँ से पूछ रहे है,पापा तिरंगा क्यों औढे हुए है ?
चारो तरफ सन्नाटा छाया हुआ है,पापा क्यों नही बोल रहे है ?
क्यों नहीं पापा गोदी में लेते,अब तो वे छुट्टी पर आये हए है ?
क्यों इतने सारे अंकल सैनिक,पापा को कंधे पर उठाये हुए है ?
तिरंगा भी आज दुखी है,वह नेताओ से यह प्रश्न पूछ रहा है |
मुझे लहराने की जगह,क्यों कफन के लिये इस्तेमाल हो रहा है ?
आर के रस्तोगी