प्रेम की लीला
,प्रेम की लीला बड़ी न्यारी।
प्रेम सब शास्त्रों पर भारी।
राधा की तुम जो सुनो कहानी
नाम कान्हा के की जिंदगानी
मीरा पी गयी विष का प्याला
ऐसा था उसका गोविंदा आला।
शबरी के राह तकती राम की
राह पायी फिर मोक्ष धाम की।
सुदामा संग प्रेम कान्हा निभाया
दौड़ कर जा गले था लगाया।
प्रेम करो तुम दीन दयाल संग।
जीवन में आये नमी एक तरंग।
सुरिंदर कौर