प्रेम की भाषा
प्रेम की भाषा
ना कोई हो अभिलाषा
ना मन में हो आस
जब वह हो पास
हर पल हो मुस्कान
दो दिल और एक जान
खिल जाएंगे रंग
जब होगा वह संग
अनजान होंगे रास्ते
पैर कट जाएंगे फासले
बातें जो बिना कहे हो
आंखों के नजारे हो
इंतजार की चाह
प्रीत की वो राह
रोशनी भरा आसमान
हर लम्हा तेरे साथ भरा
प्रेम की किरणों से
भर जाए दिल रोशनी से।