” प्रेम की बरसात “
जब जब प्यार के बादल बरसते रहेंगे।
तुझसे मिलने को ऐसे ही हम तरसते रहेंगे।
रंग फिजाओं के यूं ही बदलते रहेंगे।
हम सारी जिंदगी तुझसे मोहब्बत करते रहेंगे।
नीले गगन में काली घटा छाती रहेगी।
ए मेरे दिल ए नादान तुझे उसकी याद सताती रहेगी।
रिम झिम टिप टिप बरसात की बूंदे बरसती रहेगी।
बेइंतेहा मोहब्बत करने वालों की शमा हरदम जलती रहेगी।
बरसात में नदी नाले झरने कल कल बहते रहेंगे।
हम इश्क करने वालों के फसाने ताउम्र दुनिया में गूंजते रहेंगे।
ए मेरे खुदा हर बार इस जहां में मोहब्बत भरी बरसात हो।
ना कोई मंदिर के लिए लड़े ना कोई मस्जिद के लिए झगड़े।
हर तरफ प्रेम की बारिश सबका हाथों में हाथ हो।
बस यही है हमारी ख्वाहिश हर तरफ प्रेम की बरसात हो ।
बस प्रेम की बरसात हो बस प्रेम की बरसात हो।
—————————————————————
“समीर”