प्रेम की अनुभूति
जीवन का मेरे आगाज तुम हो
जीवन का मेरे अंजाम भी तुम हो
तुम हो तो जीवन रोशन है मेरा
जीवन का मेरे उद्देश्य तुम हो
तुम हो तो जीवन हंसता है मेरा
तुम हो तो जीवन गाता है मेरा
जीवन की हर एक विधा में प्रिय
तुम हो तो जीवन संगीत है मेरा
कलम उठती है मेरी तुम्हारे नाम से
शब्द भी बिखरते हैं तुम्हारे नाम से
मेरी जिंदगी की गजल हो तुम
मिसरा जिसका है तुम्हारे नाम से
जीने की तुम संग खुशी ही अलग है
खुशी भी अलग है ललक भी अलग है
सतरंगी बनाया है तुमने जीवन मेरा
जिंदगी में तुम्हारी अहमियत ही अलग है
इति।
इंजी संजय श्रीवास्तव
बीएसएनल,बालाघाट (मध्य प्रदेश)