Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Oct 2024 · 1 min read

प्रेम कई रास्तों से आ सकता था ,

प्रेम कई रास्तों से आ सकता था ,
लेकिन हम एक पर ही ठहरे रहे
और राह तकते रहे ,
जड़ हो गये ।

ज़ाहिर है ,
हम लोग भाव से अधिक व्यक्ति की चाह में खप जाते हैं ।

हम प्रेम नहीं चाहते ,
प्रेमी चाहते हैं ।

20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उदासीनता के शिखर श्रेष्ठ ने, यूँ हीं तो नहीं अपनाया है।
उदासीनता के शिखर श्रेष्ठ ने, यूँ हीं तो नहीं अपनाया है।
Manisha Manjari
मेरे प्यारे लोग...
मेरे प्यारे लोग...
Otteri Selvakumar
मुझको इंतजार है उसका
मुझको इंतजार है उसका
gurudeenverma198
बुढ़ापा
बुढ़ापा
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
अपनी हद में ही रहो तो बेहतर है मन मेरे
अपनी हद में ही रहो तो बेहतर है मन मेरे
VINOD CHAUHAN
योग की महिमा
योग की महिमा
Dr. Upasana Pandey
चिंतन...
चिंतन...
ओंकार मिश्र
3046.*पूर्णिका*
3046.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*भारत माता को किया, किसने लहूलुहान (कुंडलिया)*
*भारत माता को किया, किसने लहूलुहान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मां स्कंदमाता
मां स्कंदमाता
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
G                            M
G M
*प्रणय*
बात क्या है कुछ बताओ।
बात क्या है कुछ बताओ।
सत्य कुमार प्रेमी
टूटी बटन
टूटी बटन
Awadhesh Singh
अफ़सोस न करो
अफ़सोस न करो
Dr fauzia Naseem shad
इश्क़ भी इक नया आशियाना ढूंढती है,
इश्क़ भी इक नया आशियाना ढूंढती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ଧରା ଜଳେ ନିଦାଘରେ
ଧରା ଜଳେ ନିଦାଘରେ
Bidyadhar Mantry
प्रेम अंधा होता है मां बाप नहीं
प्रेम अंधा होता है मां बाप नहीं
Manoj Mahato
कल की तस्वीर है
कल की तस्वीर है
Mahetaru madhukar
“छोटा उस्ताद ” ( सैनिक संस्मरण )
“छोटा उस्ताद ” ( सैनिक संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
तुम
तुम
Rekha khichi
चलो मान लिया इस चँचल मन में,
चलो मान लिया इस चँचल मन में,
पूर्वार्थ
हुई बात तो बात से,
हुई बात तो बात से,
sushil sarna
रमेशराज के 12 प्रेमगीत
रमेशराज के 12 प्रेमगीत
कवि रमेशराज
+जागृत देवी+
+जागृत देवी+
Ankit Halke jha
आए गए कई आए......
आए गए कई आए......
कवि दीपक बवेजा
सपने
सपने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ज़िन्दगी लाज़वाब,आ तो जा...
ज़िन्दगी लाज़वाब,आ तो जा...
पंकज परिंदा
बिन चाहे गले का हार क्यों बनना
बिन चाहे गले का हार क्यों बनना
Keshav kishor Kumar
"फितरत"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...