प्रेम एक धोखा है
प्रेम नहीं कुछ और रहा अब, प्रेम महज इक धोखा है
तूफा है कोई, या कोई तेज हवा का झोंका है
कौन किसे अब लव करता है कौन किसे दिल देता है
नहीं रहा विश्वास किसी पर, किसी पे नहीं भरोसा है
प्रेम नहीं कुछ और रहा अब, प्रेम महज इक धोखा है
तूफा है कोई, या कोई तेज हवा का झोंका है
कौन किसे अब लव करता है कौन किसे दिल देता है
नहीं रहा विश्वास किसी पर, किसी पे नहीं भरोसा है