प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र…
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र…
हमें ख़ुद की ज़िन्दगी में ठहराव चाहिए…
वही एक रास्ता है..ज़िन्दगी को बेहतर करने का..
नकारात्मकता के इस दौर में ..नकारात्मकता को खत्म करना हमारा उद्देश्य होना चाहिए…
इसके लिए.. हमे बस खुद पर ध्यान देना चाहिए…
हमारी खुद की क्या जिम्मेदारियां है..
क्या हमारी क्षमताएं है..
अंततः मैं क्या कर सकता हूँ..?
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